आज हम आपके लिए जानकारी राजस्थान एमनेस्टी स्कीम 2022 लेकर आएंगे| राजस्थान सरकार ने Amnesty Scheme 2021 Rajasthan की घोषणा की है|राजस्थान (Rajasthan) में दस हजार करोड़ रुपये के करीब वैट के मामले एमनेस्टी स्कीम के इंतजार में है. अब आगामी बजट में इस एमनेस्टी स्कीम (Amnesty Scheme) के आने की पूरी संभावना है|राजस्थान के व्यापारियों ने भी पूर्व बजट में प्रस्तावित एमनेस्टी योजना को शीघ्र लाने और जीएसटी नियमों में सरलीकरण करने का अनुरोध किया है. व्यापारियों का कहना है कि यह सबसे ज्वलंत मुद्दा है वह है. राज्य के अन्दर आरम्भ होकर राज्य के अन्दर समाप्त होने वाले मालों के परिवहन पर 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के बिलों पर ई-वे बिल लगाना आवश्यक है, जबकि दूसरे राज्य बिहार, महाराष्ट्र में एक लाख मूल्य से अधिक के बिलों पर ही ई-वे बिल बनाना जरूरी है. अत: अन्य राज्यों की तर्ज पर यहां भी एक लाख रुपये से अधिक के बिलों पर ही ई-वे बिल बनाने की बाध्यता की जानी है|
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 24 फरवरी को राज्य का बजट पेश करेंगे और कोरोना काल के बाद आने वाले इस बजट को लेकर कारोबारियों को काफी उम्मीद है. कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के चलते इस बार व्यापार काफी प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार से व्यापारियों की बजट को लेकर अपेक्षा है कि सरकार जल्द से जल्द एमनेस्टी योजना लागू करे|
राजस्थान एमनेस्टी स्कीम 2022
कारोबारियों का यह भी कहना है कि राज्य सरकार अपने इस आगामी बजट में ई-वे बिल की राशि में भी बढ़ोतरी करें. फेडरेशन ऑफ राजस्थान एंड ट्रेड इंडस्ट्री के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट अरुण अग्रवाल का कहना है कि बीते कुछ समय से व्यापारी ई-वे बिल की राशि को बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में ई-वे बिल की राशि ₹50000 है और व्यापारी मांग कर रहे हैं कि इसे बढ़ाकर ₹100000 किया जाए क्योंकि देश के अन्य राज्यों में भी इस राशि में बढ़ोतरी की जा चुकी है|
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि प्रदेश की गहलोत सरकार अपना आगामी बजट पेश करने वाली है. ऐसे में हमारी मांग है कि सरकार बजट में मंडी कारोबार, आयकर और जीएसटी सहित कर की दरों में राहत दे. बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि सरकार अपने आगामी बजट में तिलहन और मसालों पर लगने वाले जीएसटी को समाप्त करें. इसके अलावा जीएसटी का सरलीकरण किया जाए|
मंडी टैक्स किया जाए कम
बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से तीन कृषि बिल पेश किए गए हैं. ऐसे में इन बिलों के कारण मंडियों पर भी काफी असर पड़ा है. ऐसे में गहलोत सरकार अपने आगामी बजट में मंडी में लगने वाले विभिन्न टैक्स में राहत दे. इसके अलावा सरकार की ओर से कृषि जिंसों के व्यापारियों के लिए टीसीएस लगाया गया है, उसे भी समाप्त किया जाए.
राजस्थान एमनेस्टी योजना के उद्देश्य
- वाणिज्यिक कर विभाग की ढिलाई कारोबारियों पर भारी
- बढ़ते आक्रोश के बाद सीएमओ ने वित्त महकमे को किया अलर्ट
- 1 से 20 साल पुराने मामले एमनेस्टी स्कीम नहीं आने से अटके
- 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के मामले स्कीम के इंतजार में
- बकाया वैट मामलों में भेजे गए नोटिसों का हो रहा विरोध
- वैट, एंट्री टैक्स और मनोरंजन कर से जुड़े है मामले
- पेनल्टी, ब्याज और मूल में भारी रियायतों की है मांग
- आगामी बजट में एमनेस्टी स्कीम लाने की पूरी तैयारी
- ईवे बिल की राशि भी 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख करने की मांग
एमनेस्टी स्कीम में क्या चाहते हैं कारोबारी
जल्द से जल्द लाई जाए एमनेस्टी स्कीम
– ब्याज, पेनल्टी और मूल राशि में दी जाए राहत
– 50 लाख रुपये तक बकाया में 60 प्रतिशत मिले छूट
– 50 लाख से अधिक पर 50 फीसदी की मिले रियायत
– वैट, एंट्री टैक्स और इंटरटेनमेंट टैक्स के मामले हो सैटल
– फुल एंड फाइनल सैटलमेंट पर रहेगी एमनेस्टी स्कीम में जोर
– एमनेस्टी स्कीम आने तक लीगत एक्शन पर लगे रोक
– 1 साल से पुराने सभी मामले एमनेस्टी स्कीम के दायरे में हो