सतत जीविकोपार्जन योजना बिहार”सतत जीविकोपार्जन योजना”बिहार सतत जीविकोपार्जन योजनाsatat jivikoparjan yojana”satat jivikoparjan yojana in hindi
सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ पाकर अत्यंत गरीब, बेसहारा और ताड़ी का धंधा छूटने वाले सबल होंगे। इस योजना में महिलाओं को भी रोजगारी बना उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने पर फोकस किया जा रहा है।जीविकोपार्जन के लिए तीन किस्त में निवेश की राशि दी जाती है। पहली किस्त में 20 हजार रुपए दिए जाते हैं। अधिकतम एक लाख रुपए रोजगारी बनाने के लिए मुफ्त में दिए जाते हैं। जिसके पास आमदनी का कोई स्रोत नहीं है और खाना तक नसीब नहीं हो रहा उस तरह के लोगों को चिह्नित करते स्वावलंबी (आत्मनिर्भर) बनाने के लिए सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिया जा रहा है।
पहले फेज में जिले के दो प्रखंड सिमरी बख्तियारपुर और कहरा में लाभुकों का चयन कर प्रथम किस्त की निवेश राशि भी दे दी गई है। सिमरी बख्तियारपुर में 12 और कहरा में 6 लोगों को इसका लाभ दिया गया है।ग्रामीण विकास विभाग, इस योजना को जीविका के माध्यम से कार्यान्वित करेगा। लक्षित परिवार का चयन ग्राम संगठन करेंगे, फिर इसे स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जाएगा। इन परिवारों के क्षमता संवर्धन के लिए एक सामुदायिक संसाधन सेवी उपलब्ध कराया जाएगा। हर परिवार को कम से कम 60 हजार रुपया और अधिकतम एक लाख रुपया दिया जाएगा। इसके बाद इन परिवारों को, उद्यमिता प्रशिक्षण देकर जीविका के विभिन्न उद्यमी विकास कार्यक्रम और बैंकों से जोड़ा जाएगा।
सतत जीविकोपार्जन योजना बिहार क्या है
सतत जीविकोपार्जन योजना उन महिलाओं के लिए हैं जो दूसरों की दया पर जीवन-यापन करने को विवश हैं या अत्यंत गरीबी में किसी प्रकार अपना जीवन-यापन कर रही हैं। योजना के तहत जीविका समूह की महिलाएं पंचायत स्तर पर ऐसी महिलाओं की पहचान कर उन्हें समूह से जोड़ती हैं। उसके बाद उन्हें स्वावलंबी होने का गुर सिखाती हैं। रोजगार को लेकर प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना के तहत 20 हजार का अनुदान उपलब्ध करा उन्हें रोजगार से जोड़ा जाता है। जिसके तहत आज बेबी देवी, चुनचुन देवी, तारा खातून सहित दो दर्जन महिलाएं स्वावलंबी हो चुकी हैं। कोई श्रृंगार दुकान, तो कोई किराना दुकान चला रही हैं।
satat jivikoparjan yojana
Name of the scheme | Satat jivikoparjan yojana |
Launched in | Bihar |
Launched by | Nitish Kumar, Chief Minister |
Date of announcement | April, 2018 |
Date of launch | August, 2018 |
Supervised by | Rural Development Minsitry |
सतत जीविका योजना के उद्देश्य
- सतत जीविका योजना” का मुख्य लक्ष्य अनुकूलित अत्यंत-निर्धन स्नातक दृष्टिकोण (Ultra-Poor Graduation Program) के माध्यम से 100,000 अत्यंत-निर्धन परिवारों को आच्छादित करना है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन व गरीब महिलाओं के सशक्तीकरण एवं उत्थान की दिशा में, जीविका की मुख्य भूमिका रही है।
- सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत ग्राम संगठनों द्वारा लक्षित परिवारों का चयन कर उनका जीविकोपार्जन एवं आय आधारित गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।
- सतत जीविका योजना या निरंतर आजीविका योजना का उद्देश्य देश में शराब / ताड़ी के उत्पादन, परिवहन और बिक्री में पारंपरिक रूप से लगे “अत्यंत निर्धन” परिवारों को सशक्त बनाना है। इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदायों के तहत अत्यंत-निर्धन, अन्य समुदायों के अंतर्गत गरीबों को भी आजीविका, क्षमता निर्माण और वित्त तक बेहतर पहुंच के माध्यम से योजना के सरगम में शामिल किया जाना है।”
- ”सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत दो दर्जन से अधिक महिलाएं आज आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। इस योजना से वैसी महिलाओं को जोड़ा जाना है, जिनके पास जीविकोपार्जन की कोई व्यवस्था नहीं है।
- जो किसी न किसी कारण से बेसहारा हो तथा दूसरे की दया पर निर्भर हों। उन्हें योजना के तहत समूह से जोड़ने के बाद रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके तहत 20 हजार का अनुदान सरकारी स्तर पर दिया जाता है। जो सीधे न देकर इच्छा के अनुसार स्वरोजगार के लिए संसाधन उपलब्ध कराया जाता है।